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मध्यप्रदेश में अग्नि की घटनाएं मुख्यतः निम्न स्थानों पर होती हैं:-
1. खेत-खलिहानों में अग्नि की घटनाएं: मार्च से मई माह के दौरान गेंहू के खेतों में अग्नि की दुर्घटनाएं प्रदेश के अधिकांश जिलों में घटती है। इस अग्नि दुर्घटना का मुख्य कारण फसलों का अत्यधिक सूखा होने के साथ ही किसानों द्वारा असावधानी बरतनें अथवा खेत से गुजरने वाले हाइटेंशन लाइन के गिरने के कारण अग्नि की दुर्घटनाएं होती हैं, जिससे व्यापक स्तर पर फसलों का नुकसान होता है । इसके अतिरिक्त गेंहू की फसल की कटाई के उपरांत प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में किसान नरवाई में आग लगा देते हैं, जो कि अनियंत्रित होने पर खेत-खलिहानों तक पहुंच जाता है तथा व्यापक स्तर पर फसलों के साथ ही संपत्ति का भी नुकसान होता है । यह आग वर्ग-1 श्रेणी की आग होती है जिसे पानी तथा फायर बीटिंग मैथड से बुझाया जाता है।
2. व्यावसायिक क्षेत्रों में लगने वाली आग: व्यावसायिक क्षेत्रों में उपरोक्त पॉंचों श्रेणी की आग हो सकती है तथा इसे बुझाने हेतु अग्निशमन यंत्र का उपयोग आवश्यक है । इस प्रकार के आग शहरी क्षेत्रों में मुख्यतः होटल, बाजार का क्षेत्र, अति व्यस्त क्षेत्रों में होता है यदि इसे निर्धारित समय में नियंत्रित नहीं किया गया, तो इस आग के द्वारा दूसरे सिलेण्डर अथवा अन्य ज्वलनशील पदार्थों में विस्फोट होने की संभावना होती है, जो कि अत्यंत विनाशकारी स्थिति होती है ।
3. औद्योगिक क्षेत्रों में अग्नि दुर्घटनाः प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित उद्योगों में अग्नि की दुर्घटनाएं संभावित हैं ।
4. राजमार्गो पर रसायनों के परिवहन करने वाले टैकों में अग्नि विस्फोट की दुर्घटनाः प्रदेश के राष्ट्रीय मार्गों और राजकीय मार्गाें पर टेंकरो द्वारा रसायनों के परिवहन किये जाते हैं । इन रसायनों में पेट्रोल,डीजल, एल.पी.जी. अन्य खतरनाक रसायनों का परिवहन भी होता है । दुर्घटनावश ऐसे टेंकरों में अग्नि विस्फोट की संभावना होती है ।
अंतिम बार अपडेट किया:31 Mar, 2022
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